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आयुष्मान भारत योजना पर छाए हुए हैं संकट के बादल।  करनाल में प्राइवेट डॉक्टर्स ने किया इलाज बंद ,

5 तारीख को करेंगे मीटिंग उसके बाद लिया जाएगा आगे का निर्णय।

करनाल। आयुष्मान भारत योजना जिसका लाभ करोड़ों लोगों ने उठाया और इस योजना के जरिए काफी फायदा भी हुआ। लेकिन अब इस योजना को लेकर प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर्स की तरफ से एक फैसला लिया गया है और वो फैसला लाभार्थियों और सरकार के हक में नहीं है। दरअसल आईएमए के प्रधान रोहित सडाना ने बताया कि ये योजना बहुत अच्छी है और करनाल में लाखों लोगों ने इसका लाभ भी उठाया है, पर अब पोर्टल में तकनीकी खामियां आ रही हैं जिसको लेकर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है, अगर उस पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो फिर इस योजना में खामी रहेगी और लाभार्थी इसका लाभ नहीं उठा सकेंगे, वहीं दूसरी तरफ जिस आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का प्राइवेट अस्पताल इलाज कर रहे हैं, उन अस्पतालों तक सरकार की तरफ से जो बकाया राशि है वो नहीं पहुंच रही ।

करीब 18 करोड़ रुपए करनाल जिले के बकाया हैं वहीं हरियाणा की बात करें तो 230 करोड़ के आस पास बकाया हैं। ऐसे में डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिए हैं कि वो आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं करेंगे जब तक सरकार उनकी बकाया राशि और उनकी मांगों पर विचार नहीं करती। वहीं आपको बता दें कि करनाल जिले में 45 से ज्यादा ऐसे अस्पताल हैं जिन अस्पतालों में आयुष्मान योजना का लाभ मरीज उठाते हैं। अब 5 जुलाई तक प्राइवेट अस्पतालों ने इस योजना के लाभार्थियों का इलाज न करने का फैसला लिया है और अगर कोई सीरियस मरीज आता है उसे इमरजेंसी कल्पना चावला या नागरिक अस्पताल भेज दिया जाता है। 5 जुलाई को एक और रिव्यू मीटिंग होगी और उसके बाद आईएमए के बैनर तले फैसला लिया जाएगा। देखना ये होगा कि क्या डॉक्टर्स की मांगों पर सरकार विचार करती है या फिर जिस योजना का सरकार इलेक्शन से लेकर हर मंच पर बखान करती है वो योजना अधर में लटक जाएगी। 


 

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